Adani buys 50% Shares of IANS: अडानी समूह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस में 50% से अधिक हिस्सेदारी खरीदी

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Adani buys Shares of IANS


अडानी समूह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस में 50% से अधिक हिस्सेदारी हासिल की:

आदानी ग्रुप ने हाल ही में समाचार मीडिया क्षेत्र में एक नया कदम उठाया है जब उन्होंने समाचार मीडिया कंपनी के हिस्से को खरीदा। इस निर्णय के साथ ही, उनका बिजनेस स्पेक्ट्रम और बढ़ गया है, और यह सवाल उठता है कि इसके पीछे का क्या सार्थक उद्देश्य है और इससे समाज में कैसा प्रभाव हो सकता है।

आदानी ग्रुप का नाम भारतीय व्यापार और उद्यम के क्षेत्र में एक बड़ा और प्रमुख नाम है। इसने विभिन्न क्षेत्रों में अपने पैर जमा रखा है, जिसमें ऊर्जा, वित्त, लॉजिस्टिक्स, और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। नई कदम उठाने का निर्णय समाचार मीडिया क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक सशक्त और प्रभावशाली भूमिका गाढ़ा करता है।

समाचार मीडिया क्षेत्र में यह कदम उठाने से पहले, आदानी ग्रुप ने इसके पीछे के कारणों की स्पष्टता प्रदान करने का प्रयास किया है। यह निर्णय उनकी ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दृष्टि से संबंधित हो सकता है, जिससे विभिन्न विधाओं में उनका प्रभाव मजबूत हो सकता है।

IANS में 50% की हिस्सेदारी 

अदानी समूह ने एक अज्ञात राशि के लिए समाचार एजेंसी इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस) में बहुमत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। 

अदानी एंटरप्राइजेज ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि उसकी सहायक कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (एएमएनएल) ने आईएएनएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी शेयरों सहित 50.50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। एक नियामक फाइलिंग में, अदानी समूह ने कहा, "एएमएनएल ने भी  आईएएनएस और आईएएनएस के एक शेयरधारक संदीप बामजई ने आईएएनएस के संबंध में अपने पारस्परिक अधिकारों को रिकॉर्ड करने के लिए एक शेयरधारक समझौते पर हस्ताक्षर किए।"


Details About IANS  

समाचार एजेंसी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में ₹11.86 करोड़ का राजस्व बताया था।  फाइलिंग के मुताबिक, आईएएनएस का सारा परिचालन और प्रबंधन नियंत्रण एएमएनएल के पास होगा, जिसके पास सभी निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार होगा।

फाइलिंग में कहा गया है, "जैसा कि ऊपर बताया गया है, अधिग्रहण के अनुसार, आईएएनएस अब एएमएनएल की सहायक कंपनी है।"

Earlier Adani Buys NDTV and Quintillion Shares

adani buys ians shares

इससे पहले, अडानी ग्रुप ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया का अधिग्रहण किया था, जो बिजनेस न्यूज डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म बीक्यू प्राइम संचालित करता है। बिजनेस समूह ने पिछले साल ब्रॉडकास्टर एनडीटीवी का अधिग्रहण किया।

एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी में अपने अधिकांश शेयर अडानी को हस्तांतरित कर दिए, जिससे उनके समूह को लगभग 65 प्रतिशत समाचार नेटवर्क पर नियंत्रण मिल गया।

 दिल्ली स्थित समाचार मीडिया नेटवर्क द्वारा विनियामक फाइलिंग से पता चलता है कि राधिका और प्रणय रॉय ने एनडीटीवी में 27.26% हिस्सेदारी अदानी के स्वामित्व वाली इकाई को बेच दी, जिससे उसे एनडीटीवी का 64.71% हिस्सा मिल गया।  एक खुली पेशकश और संस्थापकों के स्वामित्व वाली कंपनी के पहले अधिग्रहण के बाद अडानी के पास पहले से ही एनडीटीवी में 37% से अधिक हिस्सेदारी थी। 

Adani Group In Media Company

समाचार मीडिया कंपनियों के हिस्से को खरीदने का यह कदम आदानी ग्रुप को समाचार और जनसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचाता है। इससे ग्रुप को एक नई मंच प्रदान होती है जिस पर वह अपनी दृष्टिकोण और समाचार कवरेज को प्रस्तुत कर सकता है।

इसके अलावा, इस निर्णय के माध्यम से आदानी ग्रुप अपनी उपस्थिति को सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी मजबूत कर सकता है। समाचार मीडिया को लेकर एक बड़े उद्यम से जुड़ने से उन्हें समाज में विचार-विमर्श में भाग लेने का एक और माध्यम मिलता है, जिससे वे समाज की आवश्यकताओं के साथ साझा कर सकते हैं।

हालांकि, इस निर्णय के प्रति सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से विभिन्न प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। वित्तीय विश्लेषण और जनता के माध्यम से होने वाले प्रतिक्रियाओं के साथ, इस पर निगरानी रखना महत्वपूर्ण है।

Conclusion 

इस खरीद के बाद, समाचार पत्रिकाओं और अन्य मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर आदानी ग्रुप का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे उनका संदेश एक और बड़ी जनसंख्या तक पहुंच सकता है। यह नहीं कह सकते हैं कि क्या इस स्थिति की नकारात्मक पहलू हो सकता है, क्योंकि यह समाचार पत्रिकाओं को वित्तीय रूप से समर्थन प्रदान कर सकता है जो उन्हें स्वतंत्रता और न्यूत्रलिटी बनाए रखने में मदद कर सकता है। आदानी ग्रुप के समाचार मीडिया क्षेत्र में प्रवेश का निर्णय भारतीय बाजार में एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है। इससे ग्रुप को न केवल एक नए सेगमेंट में विकसित होने का अवसर मिलता है, बल्कि समाचार और जनसंचार क्षेत्र में उच्चतम मानकों की स्थापना करने का भी एक मौका प्राप्त होता है।


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